किया था यकीं एक दिन जिंदगी पे
बनाया उसे था बहारों का मौसम
बहारें गयीं जब तो टूटा था दिल ये
यकीं कैसे हों अब किसी पे बताओ ................राहुल
बनाया उसे था बहारों का मौसम
बहारें गयीं जब तो टूटा था दिल ये
यकीं कैसे हों अब किसी पे बताओ ................राहुल
No comments:
Post a Comment