Monday, July 25, 2011

तुम पुराने हम पुराने

क्या सुनाए दास्तानें, तुम पुराने हम पुराने
लौट कर एक बार जो, आया हूँ मिलने तुमसे फिर मैं
रह गया हैरान सुनकर, जो किए तुमने बहाने

मिट गया था, लुट गया था, दिल ये मेरा फट गया था
देखा मैंने दौर जो वो, मन सभी से हट गया था
जोड़ कर लाया हूँ दिल फिर से जरा तुमसे लगाने

कह दिया था तुमने एक दिन, जा चला जा दूर मुझसे
सुन लिया था मैंने उस दिन, मानकर मजबूर है तू
सुन खबर खुशियों की, आया याद तुझको फिर दिलाने

जिंदगी था, बंदगी था, तू हमेशा संग ही था
क्यों चला जाऊं मैं फिर से, तोड़ कर नाते पुराने
याद रखना गर मैं आया, फिर कभी मिलने जो तुझसे
याद कर लेना हिसाबों को जो तुमको हैं चुकाने.............................राहुल

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