Wednesday, July 27, 2011

...धार्मिक भी हूँ और हिंदू भी

मै कहता हू मै हिंदू हूँ.....तो इसका अर्थ ये है कि मुझने वो सामर्थ्य है कि मै स्वयं से विरोधाभास प्रकट करने वाले विचारों को भी धैर्य पूर्वक सुन सकूँ....मुझमे वो छमता है कि अगर मेरे विचारों में कोई त्रुटि है तो उसे निकाल बाहर करूं....किसी और के विचार अपना सकूँ यदि वो उचित हैं तो......ये सब करने में मेरा मन और मेरे संस्कार मेरी पगबाधा नहीं बनेंगे...........धार्मिक हू तो इसका अर्थ ये है कि मुझमे मानवता है.....मै किसी को कष्ट पहुचाना घृणित कृत्य समझता हूँ....मै धार्मिक हू अर्थात मै वो करता हूँ जो धर्म है, अर्थात जिसमे समाज व विश्व कि भलाई है.....धर्म वो है जो सबको सुखी सकने के लिए किया गया कृत्य है....धर्म वो है जो मानवता की भलाई के लिए बनाए गए नियम हैं......................धार्मिक भी हूँ और हिंदू भी

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